टेलीग्राम में पोर्न की टेराबाइट्स तक पहुंच प्राप्त करें »

मैंने अपनी शर्ट को नीचे सरकाने के लिए जैसे ही हाथ से पकड़ा मेरे | deshi kahani

मैंने अपनी शर्ट को नीचे सरकाने के लिए जैसे ही हाथ से पकड़ा मेरे हाथ से गेट छूट गया और धड़ाम से बंद हो गया.
विपिन भागा भागा आया और गेट पकड़ने की कोशिश की, पर तब तक वो फंस गया था.
विपिन बोला- ये क्या किया दीदी, अब फंस गया ना गेट.
एक पल के लिए हम दोनों भूल गए कि हम दोनों ही आधे नंगे है.
फिर थोड़ी देर बाद सब सामान्य हुआ तो विपिन ने बोला- कोई बात नहीं, आप चारपाई पर बैठो. मैं कुछ जुगाड़ करके गेट खोलता हूँ.
पर ऐसे माहौल में ध्यान तो भटकता ही है.
मैं विपिन के आधे नंगे शरीर को देख रही थी और वो मेरी नंगी टांगों को.
कुछ देर तक ऐसे ही हम एक दूसरे को देखते रहे.
मैंने कहा- प्लीज ऐसे मत देखो ना, मुझे शर्म आती है.
विपिन बोला- तो आप भी तो मत देखो न, मुझे भी शर्म आती है.
पर ना चाहते हुए भी हम दोनों बार बार एक दूसरे को ही देख रहे थे.
अब तक मुझे समझ आ चुका था कि आज कुछ कांड होने जा रहा है.
फिर हम दोनों ही वहां पड़ी चारपाई पर थोड़ा सा दूर दूर बैठ गए.
काफी देर तक हम दोनों ऐसे ही बैठे रहे और एक दूसरे को देख देख कर हल्के हल्के उत्तेजित होते रहे.
फिर पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैं खुद ही उसकी तरफ धीरे धीरे खिसकने लगी और वो मेरी तरफ.
अब हम दोनों काफी नजदीक बैठे थे.
मैं ऊपर उसकी आंखों में देख रही थी और वो मेरी आंखों में.
तभी मेरा हाथ अपने आप उसकी छाती और बाजुओं पर फिरने लगा, मानो मेरा शरीर मेरे बस में नहीं था और अपने आप चल रहा था.
धीरे धीरे मैं थोड़ा सा उचक कर उसके होंठों के पास अपने होंठ ले गयी.
एक पल के लिए मैंने उसकी आंखों में देखा और बस अगले ही पल हमारे होंठ मिल गए.
हम दोनों की आंखें बंद हो गईं.
इस वक़्त हम दोनों दुनिया की फिक्र से दूर, एक दूसरे के होंठों को किस कर रहे थे
बिना कुछ बोले, बिना कुछ सोचे समझे. हम बस एक दूसरे के होंठों को हल्के हल्के दबा कर छू रहे थे.
फिर मैंने आंखें खोलीं और हल्के हल्के मुस्कुराते हुए नीचे हो गयी.
उधर विपिन भी मुस्कुरा रहा था. हमारे बीच रिश्तेदारी की दीवार गिर चुकी थी.
विपिन बोला- दीदी …
मैंने उसकी बात काटते हुए कहा- स्श्ह …
बस तुरंत अपने होंठ उसके होंठ पर रख कर जोर से दबाए और जोर जोर से चूमने लगी.
अब विपिन भी जोर जोर से मेरे होंठों को अन्दर बाहर करते हुए चूस रहा था और हम ऐसे ही कुछ देर तक एक दूसरे में खोये हुए किस करते रहे.
आखिर जब किस करके मन भर गया, तब हम अलग हुए.
मेरे अन्दर हवस की आग लगी हुई थी और उधर विपिन का लंड भी पूरा खड़ा ही चुका था.
विपिन मुझे देख कर एक बार मुस्कुराया और बस मुझे जोर से धकेल कर दीवार से सटा दिया.
अब वो ऊपर नीचे हो होकर जबरदस्ती मेरे होंठों को किस करने लगा.
मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी और कमरे का माहौल और गर्माता जा रहा था.
करीब दो मिनट तक वो ऐसे ही मुझे दबाए जोर जोर से चूमता रहा.
वो बीच बीच में बोलता रहा- आह … आहह … दीदी मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ … उमम्ह … पुच्छह … पुच्छ … आपको पता नहीं, मैंने इस पल का कितना इंतज़ार किया है … मुझे तो उम्मीद भी नहीं थी कि एक दिन मैं आपके इतने करीब आ जाऊंगा.
वो किसी प्यासे की तरह मेरे होंठों को जोर जोर से चूस चूस कर अपनी प्यास बुझाता रहा. इधर उसका जिस्म मेरे जिस्म से रगड़ रहा था और उसका लंड मेरे चूत को रगड़ रगड़ कर मेरी प्यास बढ़ा रहा था.
जब उसका मेरे होंठों को चूस कर पूरा मन भर गया, तो वो एक पल को रुका.
हमने एक दूसरे की आंखों में देखा और फिर से एक दूसरे के चेहरे को, गर्दन को, कंधों को किस करते हुए आगे बढ़ने लगे.
अब तो कोई शंका ही नहीं थी कि आगे क्या होना है.
विपिन ने खुद ही मेरी शर्ट के बटन एक एक करके खोलना शुरू कर दिए.
जैसे ही उसने ऊपर के 3 बटन खोले, मुझे एक बार फिर से ख्याल आया कि ये मैं क्या कर रही हूँ. ये मेरा रिश्ते में भाई है, मैंने इसके साथ ऐसे कैसे कर सकती हूँ.
मैंने कहा- रुको विपिन, हमें यहीं रुक जाना चाहिए, मत भूलो मैं तुम्हारी बहन हूँ. प्लीज रुक जाओ.
मैंने उसके हाथ अपनी शर्ट के बटन पर ही रोकने चाहे.
पर विपिन इस कदर जोश में था कि उसने कहा- आज मत रोको दीदी, वरना मैं मर जाऊंगा, आज हम दोनों सिर्फ एक लड़का और लड़की हैं और हमारा रिश्ता सिर्फ जिस्मों का है. मुझे आपका जिस्म भोगना है. आज मत रोको मुझे.
इसी के साथ ही उसने मेरी शर्ट के दोनों हिस्सों को पकड़ा और जोर से फाड़ कर पीछे को खोल दी.
इसके साथ ही मेरा आगे का शरीर उसके आगे नंगा हो गया.
मैंने शर्म के मारे अपने बूब्स को हथेलियों से ढक लिया और टांगें भी आपस में मोड़ कर सिकोड़ सी लीं ताकि विपिन से अपनी जवानी छुपा सकूँ.
विपिन मेरे करीब आया और धीरे से अपनी नंगी बहन के कंधों पर हाथ रख कर बोला- दीदी, इधर देखो मेरी आंखों में.
मैंने शर्माते हुए उसकी आंखों में देखा.
उसने बड़े प्यार से कहा- दीदी, आप घबराओ मत … हमारी ये बात किसी को पता नहीं चलेगी. सब हम दोनों के बीच @desi_story