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पकी हुई थी जैसे चंदन के पेड़ से साँप। हम दोनों ने जल्दी जल्दी ए | deshi kahani

पकी हुई थी जैसे चंदन के पेड़ से साँप।
हम दोनों ने जल्दी जल्दी एक दूसरे के कपड़े उतारे और कुछ ही पल में हम दोनों नंगे एक दूसरे के सामने थे।
मैं उसकी और वो मेरी गर्म साँसों को महसूस कर पा रही थी।
जब उसका नंगा शरीर मेरे सामने आया तो मैं तो देखता रह गया.
क्या चिकनी कमर गोल गोल उभरे हुए चूचे और उभरी हुई गांड।
गज़ब ढा रही थी।
मैंने उसको पलंग पे लिटाया और ऊपर से नीचे तक उसके कोमल शरीर को चूमने लगा।
मैं उसकी चूचियों को बुरी तरह मसल रहा था और वो आहह आह उम्म उम्म किये जा रही थी।
फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया जो गीली होनी शुरू हो गयी थी।
मैं बेतहाशा उनकी चूत को चाट रहा था और वो मेरे सर को कभी अपने हाथों से तो कभी अपनी टांगों से अपनी चूत पे दबाती।
फिर उन्होंने मुझे नीचे कर के खुद मेरे ऊपर आ गयी और मेरे कड़क लण्ड को सहलाने लगी और अपने मुँह में ले के उसको चूसने लगी।
जब वो मेरा लण्ड चूस रही थी तो मैं क्या बताऊं … ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत में हूँ।
मेरा लण्ड चूसने के बाद वो बोली- जान, बस अब अपना ये कड़क लण्ड मेरी चूत में डाल दे और मेरी आग बुझा दे।
मैंने अपना लण्ड एक ही धक्के में उसकी गीली चूत में बाड़ दिया जिससे उसकी हल्की सी चीख निकली।
लेकिन उस हल्की सी चीख में भी एक कामुकता की आवाज़ थी।
मैंने उनकी चूत में धक्के बजाने शुरू कर दिए।
मैं धक्के आराम से और अंदर तक मार रहा था.
और वो ‘आह आह आह …उम्म उम्म आह जान … मजाआ आआ रहा है … आह आह आह …’ करके मुझमें और जोश भर रही थी।
मैंने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी जिससे उसको और मजा आने लगा.
और वो ‘आह आह आह आह … और तेज़ और तेज़ … आह आह आह … मजा आ रहा है जान और तेज़’ कर रही थी।
उससे मेरे अंदर उत्तेजना और बढ़ रही थी।
मैंने उसको अपनी गोद में बिठाया और धक्के मारने लगा।
वो मुझसे बुरी तरह चिपटी हुई थी और उसमे इतना जोश था कि उसने मेरी पीठ और छाती पर अपने नाखूनों से निशान कर दिए।
जिसमें मुझे भी मजा आ रहा था।
उसको गोद में बिठा के चोदने का मजा ही कुछ और था।
उसके मुँह से सिसकारियां निकल रही थी और मैंने अपने होंठ उसके होंठ से भिड़ा दिए।
हम दोनों चरमसुख की प्राप्ति कर रहे थे।
काफी देर की वहशियाना चटाई और चुदाई के बाद में झड़ने वाला था जबकि भाभी का काम 2 बार हो चुका था।
मैंने सारा गर्म गर्म वीर्य उसकी चूत में उड़ेल दिया जिसको पा कर वो संतुष्ट हो गयी और मेरे होंठों को चूमने लगी।
हम दोनों एक दूसरे से चिपके कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे.
उसके बाद कपड़े पहन कर हम दोनों बैडरूम से बाहर आये.
भाभी ने मुझे फिर होंठों पर किस किया और उसके बाद मैं अपने रूम में आ गया।
शाम को राजेश भी आ गया.
उसके बाद मैं नीचे खाना खाने आया और बाद में ऊपर आकर सो गया।
फिर हमने रोज़ चुदाई जारी रखी.
और ऐसी वैसी नहीं … वहशियना चुदाई।
तो कैसी लगी आपको मेरी ये लैंड लेडी फक स्टोरी? कुछ गलती हुई हो तो माफी।@desi_story