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न कलर की साड़ी और मेरे मुंह से कुछ निकलता उस से पहले सुकेश ने | deshi kahani

न कलर की साड़ी और
मेरे मुंह से कुछ निकलता उस से पहले सुकेश ने मेरी साड़ी का पल्लू गिराते हुए मुझे पिछे से मेरे कंधे और गर्दन पर बहुत तेजी से चूमना चालू कर दिया.
मैं भी पूरी तरह से मदहोश हो रही थी और चूमने में उसका पूरा साथ देने लगी.
उसने मुझे उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया और मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दोनों हाथों से गोल गोल करके दबाने लगा.
साथ ही मुझे उसके लंड का आभास मेरी चूत पर हो रहा था.
फिर हम दोनों इतना गर्म हो गए कि पता ही नहीं चला कब हम दोनों ने एक दूसरे के सारे कपड़े उतार दिये और वो मेरे पूरे बदन को हर जगह से पागलों की तरह चूमे जा रहा था.
अचानक चूमते चूमते वो मेरी चूत पर आ गया और मेरी चूत को ऊपर से चूमने लगा.
मेरी चूत को आज पहली बार किसी ने चूमा था.
उस वक्त मेरी आँखें बंद हो रही थी और मैंने अपने हाथों से सुकेश के सिर को पकड़ रखा था.
अब सुकेश मेरी चूत के दोनों लिप्स को बारी बारी से अपने मुंह में ले कर चूस रहा था.
मुझे आज से पहले ऐसा मजा कभी नहीं आया था.
मैं उस अहसास और तड़प को शायद शब्दों में ना बता पाऊँ … मैं अपने सिर को इधर उधर हिला रही थी.
उसने अपनी जीभ से मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया.
कभी मेरी चूत के दाने को चूस रहा था तो कभी पूरी जीभ चूत में डाल कर बहुत तेज़ अदंर बाहर कर रहा था.
इसी दौरान मेरी चूत से अचानक पानी निकला और मेरा पूरा बदन मानो अकड़ सा गया.
उसने सारा माल चाट चाट कर साफ कर दिया और अपनी पोजीशन बदलते हुए मेरे ऊपर आकर अपने पैर मेरे सिर की तरफ कर दिये और दुबारा से मेरी चूत को दोनों हाथों से फैला कर चूसना शुरू कर दिया.
इस वक्त सुकेश लंड बिल्कुल मेरी आँखों से टच हो रहा था और मैं लंड को चूमने लग गई.
मैंने आज कभी अपने पति का लंड नहीं चूमा था लेकिन सुकेश का लंड बिल्कुल गोरा और ताकतवर लग रहा था.
फिर उसने खड़ा होकर मुझे ऐसे ही लेटे बिस्तर के कोने पर खींच लिया.
अब मेरी गर्दन बिस्तर से नीचे लटकने लगी.
मैं सीधी लेट रही थी, उसने अपना लंड मेरे होठों से सटा दिया.
मेरे लिए ये सब बिल्कुल नया था और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
अब मैंने धीरे धीरे अपना मुंह खोला और लंड को चूसने लगी.
सुकेश मेरे उरोजों को दबा रहा था साथ ही साथ उसने हल्के हल्के धक्कों लंड को मेरे गले में उतारना शुरू कर दिया.
उस वक्त मेरा गला बिल्कुल सीधा था इसलिए पूरा लंड मेरे गले के अंदर जा रहा था.
करीब 10 मिनट के बाद उसने अपना लंड मेरे मुंह से बाहर निकाला और मुझे दूसरी तरफ घुमाते हुए मेरे चूतड़ों के नीचे एक तकिया रख के अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा.
उस वक्त मेरी चूत की तड़प इतनी भयंकर हो रही थी कि मैंने सुकेश को अपने ऊपर खींच लिया.
उसने एक झटके में लगभग आधा लंड मेरी चूत में घुसा दिया और बोला- जान बहुत टाइट है.
मैंने उसके होठों को चूसना शुरू कर दिया और उसने धीरे धीरे कर के पूरा लंड मेरी चूत की गहराई तक उतार दिया.
मुझे बहुत आनन्द आ रहा था … इतनी अच्छी तरह से वो मुझे चोद रहा था.
मेरी बस आहें निकल रही थी.
सुकेश ने काफी देर तक मुझे ऐसे ही चोदा.
उसके बाद उसने मुझे उल्टा लेटा कर बोला- अब बीच में से ऊपर हो जाओ घुटनों के बल!
मैं घुटनों के बल हो गई और उसने मेरे खुले बालों को पकड़ते हुए पीछे से मेरी चूत में अपना लंड घुसा दिया.
इस बार मुझे उसका लंड और बड़ा लग रहा था और उसके हर झटके को मैं दर्द से सहन कर रही थी.
अब सुकेश मेरी कमर पकड़ते हुए बहुत हार्ड हार्ड और स्पीड में चोदे जा रहा था.
और अचानक मुंह से ओ याह … ओ याह … की आवाज निकालते हुए मेरी चूत की गहराई में अपना सारा माल निकाल दिया.
इस पहले राउंड के बाद हमने बाथरूम में फिर टेबल पर और उसके बाद बिस्तर पर अपने ऊपर बिठा के भी मुझे इतनी उम्र के बाद रियल सेक्स का मजा दिया, चुदाई करनी सिखाई.
उस दिन के बाद अब तक हम 4 बार ऐसे ही होटल में जा के चुदाई कर चुके हैं.
इस बारे में मैं अपनी बडी़ बेटी को बता चुकी हूँ ताकि मैं सुकेश को अपने घर बुला सकूं.
मेरी बड़ी बेटी भी बहुत ही ज्यादा एक्साइटेड है सुकेश से चुदने के लिए!
बहुत मेहनत से और समय निकाल कर इस कहानी को आपके लिए लिखा है क्योंकि मुझे आप पाठकों की कहानियाँ बहुत अच्छी लगती हैं.@desi_story