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Antarvasna Hindi Stories

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नवीनतम संदेश 2

2022-12-29 18:59:52 ा मेरे ऊपर चढ़ जाती और कुछ न कुछ हरकत कर देती.
मैं उससे कहता- मान जा साली नहीं तो मैं तेरे ऊपर चढ़ जाऊंगा.
वो हंस कर कह देती- तू क्या चढ़ेगा. चढ़ने वाले अलग ही दिख जाते हैं.
उसकी इन सब बातों से तय हो गया था कि वो मेरे साथ सेक्स करने को मर रही है.
मैं बस राहुल का ख्याल करके रुक जाता था.
संडे के दिन मैं सबको अपने नए फार्म हाउस में ले गया.
उन सबको वो जगह बहुत पसंद आई.
अंकल ने सजावट को लेकर खर्चा जानना चाहा, तो मैंने उनसे ही पूछा- आप किसी मैरिज प्लेस के लिए कितना खर्चा मान कर चल रहे थे?@antarvasnahindi_stories
अंकल ने कहा- मैंने दस लाख की चैक तो तुम्हें एडवांस के लिए दी ही थी बाकी और जो लगता … वो अलग से.
अंकल ने लगभग सोलह सत्रह लाख का एस्टीमेट बनाया था कि उतने में जगह हो जाएगी.
मैंने कहा- उतने में आपके यहां की शादी की जगह के अलावा खाने पीने का इंतजाम भी हो जाएगा और कुछ बच ही जाएगा.
अंकल बहुत खुश हुए.
उधर से हम सब वापस आ गए.
शाम को मुझे सजावट वाले को लेकर जाना था.
मैंने अंकल से कहा- मुझे अब फार्म हाउस में रह कर ही सारे इंतजाम करने होंगे. मैं हर समय इधर नहीं रह सकता हूँ क्योंकि मुझे बाहर के काम भी निपटाने होंगे तो पीहू को इधर ही रह कर काम काज देखने होंगे.
अंकल आंटी रेडी हो गए और पीहू तो पहले से ही मरी जा रही थी.
उसकी समझ में आ गया था कि अकेले में रहने को मिलेगा तो चुदाई का खेल भी खेला जा सकता है.
वो ही सब मैं भी सोच रहा था.
हालांकि मेरे दिमाग में सब कुछ इतना जल्दी हो जाएगा, वैसा नहीं था.
फार्म हाउस के बाजू में भी एक 20 रूम का बहुत बड़ा बंगला था और वो खाली था. उधर बारात को रोकने की सभी सुविधाएं थीं.
मैंने वो बात कर रखी थी.
उस बंगले में साफ़ सफाई आदि की बात करके मैंने उसे बहुत कम पैसों में हासिल कर लिया था.
अंकल ने ये जाना तो भला वो कैसे मना कर सकते थे.
मैं अब फार्म हाउस में ही रहने लगा था साथ में वहां काम करने वाले कुछ बन्दों को भी रख लिया था.
जब शादी के 5 दिन ही बाकी रह गए थे तो मैं पीहू को अपने साथ फार्म हाउस ले गया.
वहां पर डेकोरेशन के काम चल रहे थे.
रात में भी वहां काम चल रहा था तो सभी के खाने पीने का इंतजाम भी था.
पीहू दिन में उधर रूकती थी और रात में घर आ जाती थी.
उसके साथ मेरी मस्ती बढ़ती ही जा रही थी.
उस दिन काम निपटाते निपटाते रात के 11 बज गए थे, समय का पता ही नहीं चला था.
पीहू घर जाने के लिए बोल रही थी.
हम दोनों लोग गाड़ी के पास गए तो गाड़ी का एक टायर पंचर पड़ा था, स्टेपनी भी खराब थी.
मैंने अंकल को फोन पर बता दिया- हम दोनों यहीं रुक रहे हैं, अभी भी काम चल रहे हैं और गाड़ी भी खराब है.
अंकल ने ओके कह दिया.
पीहू बहुत थक गई थी, उसे नींद आ रही थी तो मैं उसे अपने कमरे में ले गया.
वो मेरा रूम देख कर बहुत खुश हो गई.
एकदम से मेरे बेड में वो जैसे ही बैठी एकदम से उछल गई.
वो बेड एयर बेड था.
उसे एयर बेड पर अपनी गांड उचकाने में काफी मजा आ रहा था.
मुझे उसके उछलते हुए चूचे देखने में मस्त लग रहा था तो मैं भी उसे उछलते हुए देखता रहा.
फिर मैंने अपने कपड़े बदले और लेट गया.
मैंने पीहू को सो जाने के लिए बोला तो उसने थोड़ी देर में सोने का कह दिया.
रात के एक बजे मुझे पीहू ने उठाया और बोलने लगी- बिजली चली गई है, मुझे ऐसी गर्मी में नींद नहीं आ रही है.
मैंने देखा तो पाया कि बिजली खराब हो गई थी और जनरेटर भी काम नहीं कर रहा था.
मैंने उससे बोल दिया कि तुम्हें जैसे सोना है, सो जाओ. फिलहाल कुछ नहीं हो सकता है.
वो चुप होकर लेट गई और मैं सो गया. एक घंटे बाद पीहू ने अपना एक पैर मेरे ऊपर रख दिया और सोने लगी.
जब मैंने जाग कर पीहू को देखा तो मुझे 440 वोल्ट का झटका लगा.
वो सिर्फ ब्रा पैंटी में थी. उसे गर्मी लग रही थी तो उसने अपने कपड़े उतार दिए थे.
मैंने कुछ पल देखा और लंड की पुरजोर मांग पर तय कर लिया कि आज लौंडिया का काम उठा देना चाहिए. साली खुद से अधनंगी पड़ी है तो पक्के में चुदने का मूड बनाई होगी.
मैंने धीरे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.
अब उसके 38 साइज़ के दूध मेरे सामने खुल गए थे.
मैंने धीरे से एक दूध को अपने मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया और दूसरे हाथ से उसकी पैंटी के ऊपर से चूत मसलने लगा.
थोड़ी देर में ही वो कसमसाने लगी और गांड उठाती हुई झड़ गई.
मैंने पैंटी के अन्दर हाथ डाल कर देखा तो पूरी सफाचट चूत थी.
मैंने इससे और आगे जाने के बारे में नहीं सोचा और लंड हिलाने का मजा लेते हुए रस झाड़ कर सो गया.
दोस्तो, सेक्स कहानी के अगले भाग में मैं आपको पीहू की चुदाई की कहानी लिखूँगा व आपको ये भी बताऊंगा कि दोस्त की गर्लफ्रेंड भी मेरे लंड से चुदने को कैसे मचली.@antarvasnahindi_stories
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2022-12-29 18:59:52 कुछ देर बाद जब वो बाहर निकली तो क्या कमाल की आइटम लग रही थी.
हम दोनों घर से निकल आए.
जब मैं उसे साथ लेकर जा रहा था तो सब पीहू को ही घूर कर देख रहे थे.
पीहू ने जींस और टॉप पहना हुआ था.
उसकी भरी हुई चूचियां उसके टॉप से बाहर आने को मचल रही थीं.
हम दोनों ने एक एक करके सभी मैरिज प्लेस में जाकर बात की. सभी पहले से ही बुक हो चुके थे, कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए.
पीहू भी कुछ परेशान दिख रही थी.
फिर हम लोग एक और जगह के लिए निकल पड़े.
वो 15 किलोमीटर की दूरी पर नया रायपुर में था.
उधर सुनसान रोड पर सन्नाटा पसरा था.
अचानक से पीहू ने मुझसे जिप्सी रोकने को कहा.
मैंने वहीं साइड में गाड़ी को रोक दिया.
पीहू इधर उधर देखने लगी.
मेरे पूछने पर वो शर्माती हुई बोली- मुझे बहुत जोरों से बाथरूम लगी है.
मैंने कहा- बस 5 मिनट में हम वहां पहुंच जाएंगे, वहीं कर लेना.
मगर वो नहीं मानी और वहीं कुछ दूर जाकर पेशाब करने के लिए अपनी जींस नीचे खिसकाने लगी.
वो बहुत मुश्किल से अपनी टाइट जींस के बटन खोल पाई और वहीं मेरी तरफ पीठ करके मूतने बैठ गई.
जब वो बैठ रही थी तो उसकी चिकनी गांड और चूत देख कर मेरा भी लंड अपनी औकात में आने लगा.
मैं बस अपने लंड को दबाते हुए उसे समझाने लगा.
फिर जब वो उठ कर आने लगी, तो मैं उसी की तरफ देख रहा.
वो मुझे देखते ही शर्म से लाल हो गई.
फिर हम लोग उस मैरिज प्लेस में गए.
वहां अभी काम चल रहा था तो उन लोगों ने भी हमें मना कर दिया.
अब हम लोग निराश होकर वापस घर पहुंचे.
तब तक शाम हो गई थी.
मैंने सारी बात आंटी को बताई तो वो भी परेशान दिख रही थीं.
जब मैं घर आया तो मेरे पापा किसी से फोन पर बात कर रहे थे.
मैं अपने कमरे में चला गया.
तभी मम्मी ने मुझे बुलाया. मैं गया तो पापा से बातचीत हुई.
पापा ने मुझसे कहा कि रायपुर से 10 किलोमीटर की दूरी पर कुछ फार्म हाउस बिक रहे हैं, क्यों ना गांव की कुछ जमीन बेच कर एक फार्म खरीद लिया जाए. मैंने फार्म लेने की बातचीत तो लगभग तय कर रखी है, बस एक बार तुम और देख लो.
मैंने कुछ सोचा और हां कर दिया.@antarvasnahindi_stories
पापा ने कहा- तुम इतने परेशान क्यों लग रहे हो?
मैंने बताया कि राहुल की बहन की शादी है और मैरिज प्लेस नहीं मिल रहा है सभी जगह पहले से बुक हैं.
पापा ने एकदम से कहा- अरे तो फार्म देख लेते हैं, उधर किसी भी डेकोरेटर से बात करके शादी के लिए रेडी करवा लेते हैं. जगह का तो कुछ लगेगा नहीं, बस डेकोरेशन का खर्चा आएगा और वो भी मैरिज प्लेस से कम खर्च में पड़ेगा.
ये सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा और मैं पापा के साथ उस जगह को देखने को राजी हो गया.
सुबह हम सब लोग जगह देखने चले गए सभी को वो फार्म बहुत पसंद आया तो हम उसे खरीदने के लिए तैयार हो गए.
नेशनल हाइवे में होने के कारण रेट कुछ ज्यादा था, फिर भी हमने खरीद लिया.
उधर बाजू में एक बीस कमरों वाला घर भी बना था, जिसमें थोड़ी साफ़ सफाई की जरूरत थी. बाकी सोफे बेड आदि सब डेकोरेशन वाला लगा देता.
अब मैं शादी की जगह को लेकर चिंता मुक्त था.
जब इस टेंशन से मुक्ति मिली तो वापस पीहू की गदरायी जवानी सामने छाने लगी.
शाम को पीहू ने मुझे फोन किया और बोलने लगी- कल घर क्यों नहीं आए, अभी बहुत काम बाकी हैं.
मैंने भी मजा लेते हुए कहा- हां, अभी तो बहुत कुछ करना बाकी है, अभी तो कुछ किया ही नहीं है.
वो मेरी बात को समझ नहीं पाई और पूछने लगी- हां तो बताओ कि कल सुबह कितने बजे आओगे?
मैंने बोल दिया- एक दिन के लिए जरूरी काम से बाहर जा रहा हूँ. एक दिन बाद आऊंगा.
वो बोली- ऐसा लगता है कि तुमको शादी के इंतजाम की कोई चिंता ही नहीं है.
मैंने कहा- तुम ज्यादा परेशान मत रहो … सब हो जाएगा. मुझ पर भरोसा करना सीखो.@antarvasnahindi_stories
उसके बाद मैंने एक डेकोरेशन वाले से बात की.
चूंकि वो सब मेरे कार्यक्षेत्र का मामला था तो मुझे सारा इंतजाम करने में ज्यादा समय नहीं लगा.
एक दिन बाद जब मैं सब काम सैट करके राहुल के घर गया, तो उधर आंटी परेशान बैठी थीं और मेरा इन्तजार कर रही थीं.
आंटी ने कहा- अब सब कैसे होगा, मेरी तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है.
मैंने पीहू को देख कर मुस्कुराते हुए कहा- मैंने जिस काम को करने का मन बना लिया, तो समझो मैं उसे पूरा करके ही रहता हूँ.
मैंने आंटी से सारी बात बताई और मैरिज प्लेस की टेंशन न करने का कहा.
फार्म की बात सुनकर सब लोग बड़े खुश हुए.
पीहू ने कहा- मुझे वो जगह देखनी है.
मैंने उससे कहा- हां तुम्हें ही उधर रहकर सारा इंतजाम करवाना होगा. जब तक मैं बाकी के भाग दौड़ के काम निपटा लूंगा.
वो राजी हो गई और उधर फ़ार्म हाउस में रहने के लिए उसने अपना मन बना लिया.
फिर मैंने खरीदारी की सारी लिस्ट बनवा ली और मैंने पीहू के साथ मिलकर पूरा काम निपटा लिया.
इस बीच मेरी और पीहू के बीच कुछ अंतरंगता गहरा गई.
उसकी हरकतों से साफ़ समझ आने लगा कि बंदी मेरे लौड़े के नीचे आने को मचल रही है.
वो जब भी मौका मिलत
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2022-12-29 18:59:51 दोस्तो, मेरा नाम कान्हा साहू है. मैं 28 वर्ष का हूँ और रायपुर छत्तीसगढ़ से हूँ.
मैं एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर हूँ और ईवेन्ट प्लानर का काम करता हूँ.
मेरे पिताजी एक धनाढ्य जमींदार हैं और पैसे से किसी बात की कमी नहीं है.
सेक्सी गर्ल ओरल सेक्स कहानी उन दिनों की है, जब मेरे दोस्त के बहन की शादी होने वाली थी.
मेरे दोस्त का नाम राहुल है, वो कनाडा में एक साफ्टवेयर कम्पनी में काम करता था.
उसके परिवार में 5 लोग हैं. उसके पापा एक सरकारी इंजीनियर हैं और मां एक सरकारी टीचर हैं.
उसकी दो बहनें हैं और उन दोनों ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.
मेरे दोस्त ने मुझे कनाडा से फोन किया और मुझसे शादी की सारी तैयारी करने के लिए बोला.
चूंकि उसे ज्यादा दिन की छुट्टी नहीं मिल पा रही थी इसलिए वो शादी के एक दिन पहले ही भारत आ पा रहा था.
करीब 5 साल से मैं उसके घर नहीं गया था.
एक शाम मैं अपने ऑफिस से सीधा उनके घर चला गया.
वहां जब मैं पहुंचा तो आंटी ने गेट खोला और मुझे अन्दर आने को बोला.
मैंने आंटी को प्रणाम किया और अन्दर आ गया.
अन्दर अंकल जी अपने ऑफिस का कुछ काम कर रहे थे.
मैंने अंकल जी को प्रणाम किया और सोफे में बैठ गया.
तभी आंटी ने मीनू को पानी लाने को बोली.
मीनू वही लड़की थी जिसकी शादी होने वाली थी.
जब मीनू पानी लेकर मेरे सामने आई तो मैं उसे देखता ही रह गया.
वो 38-30-40 के भरे पूरे गदराए शरीर की मालकिन थी और पूरी क़यामत लग रही थी.
मीनू ने मुझे देख कर हाय कहा और झुक कर पानी पकड़ा दिया.
उस समय मेरी नजरें उसके मस्त मम्मों पर पड़ीं तो लंड ने अपना कमीनपन दिखा दिया.
उसने भी मेरी नजरों को ताड़ लिया और हल्के से मुस्कान देकर मुझसे दूर हो गई.
खैर … अब हम सभी शादी की तैयारी के बारे में बात करने लगे थे.
तभी किसी ने पीछे से मेरी आंखें अपने हाथों से बंद कर दीं.
ये पीहू थी, राहुल की छोटी बहन.
मैंने जब उसे देखा तो वो तो मीनू से भी ज्यादा बवाल थी.
जब उसने मुझे पीछे से पकड़ा था तो उसकी चूचियां मेरी पीठ में दब रही थीं.
मुझे उसकी चूचियों का मखमली अहसास बहुत अच्छा लग रहा था.
तभी आंटी ने पीहू को डांटते हुए कहा- इतनी बड़ी हो गई है, पर तेरा बचपना अभी तक नहीं गया है.
शादी की तैयारी को लेकर अंकल जी ने मुझसे कहा- तुम्हें ही सभी तैयारी करना है बेटा. मुझे ऑफिस के कुछ जरूरी काम के कारण छुट्टी नहीं मिल पा रही है. शादी के एक हफ्ते पहले की ही छुट्टी मिली है. तुमको अपनी आंटी के साथ मिल कर सभी तैयारी पूरी करना है. अब सब तुम्हारी ही जिम्मेदारी है.
तुम पैसों की चिंता मत करना, बस सब काम अच्छे से करना है.
ये कह कर अंकल जी ने 10 लाख का चैक मेरे हाथों में देकर कहा- कोई अच्छा सा मैरिज प्लेस बुक कर लो और बाक़ी की बुकिंग वगैरह भी देख लो.
मैंने हामी भरते हुए बाकी की बातें की और उनके घर से चला गया.
अगले दिन मैं सुबह उनके घर चला गया.
आंटी ने मुझे चाय नाश्ता कराया.
मैंने आंटी से कहा- आंटी, हमारे पास 20 दिन ही बचे हैं. हमें सबसे पहले मैरिज प्लेस बुक करना होगा.
आंटी ने पीहू को बुलाया और बोल दिया- तुम कान्हा के साथ जाओ और कोई अच्छा सा मैरिज प्लेस बुक कर लो.
मेरे साथ जाने के लिए पीहू तैयार होने चली गई.@antarvasnahindi_stories
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2022-12-29 18:49:59 पूरे रूम में फ़चाफच की मधुर आवाज़ गूँज रही थी.
दूसरी तरफ मम्मी, इन्द्रेश अंकल के लंड को ज़ोर ज़ोर से हिला रही थीं.
इन्द्रेश अंकल को शर्म आ रही थी.
इन्द्रेश- भाभी प्लीज़.
मम्मी हंसती हुई बोलीं- इन्द्रेश भाई, आप भी बच्चों की तरह बन रहे हो … देखो न आपकी बीवी और मेरे पति मज़े से चोदा चोदी का खेल रहे हैं.
यह कह कर मम्मी ने अपनी लंड मुठियाने मारने की स्पीड बढ़ा दी.
इन्द्रेश अंकल चिल्लाते हुए- आह सन्ध्या भाभी … धीरे से करो प्लीज … आह मेरा केला छिल जाएगा आह!
कुछ मिनट बाद इन्द्रेश अंकल के लंड की मां चुद गई.
‘ऊह भाभी मैं तो गया … आह.’ यह कह कर 5-6 शॉट में ही इन्द्रेश अंकल ने अपनी मलाई निकाल दी.
अंकल के लंड से रबड़ी टपकाने के बाद मम्मी ने अपनी कुर्ती ब्रा और जींस निकाल फैंकी.
अब वो सिर्फ़ चड्डी में थीं.
फिर उन्होंने अपनी चूचियां इन्द्रेश अंकल के मुँह में दे दीं- इन्द्रेश जानू, लो मेरी चूचियों को खाओ … इनका रस चूसो.
इन्द्रेश अंकल मज़े से मम्मी की बड़ी बड़ी चूचियों का आनन्द उठाने लगे.
मम्मी ने अपने हाथों से इन्द्रेश अंकल के लंड को सहला कर फिर से खड़ा कर दिया.@antarvasnahindi_stories
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2022-12-29 18:49:59 आंटी की टांगें फैला कर उनकी चूत का भोसड़ा बनाना चालू कर दिया.
वो ताबड़तोड़ आंटी को चोदने लगे.
रूचिका आंटी हस्बैंड फ्रेंड सेक्स का चिल्ला चिल्ला कर मजा ले रही थीं- उई ईईई … मादरचोद … धीरे से चोद … बहनचोद अभी सारी रात पड़ी है. मुझे भी अपनी बीवी समझ मेरी जान!
पापा आंटी के चिल्लाने की बिना परवाह किए हुए मज़े ले लेकर उन्हें चोद रहे थे.@antarvasnahindi_stories
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2022-12-29 18:49:59 मेरे पापा मिस्टर प्रभात कुमार एक सफल बिजनेसमैन हैं और मम्मी सन्ध्या एक हाउस वाइफ हैं. मेरी मम्मी कभी कभी पापा को उनके बिजनेस में हेल्प भी करती हैं.
उनकी मदद किस तरह की होती है, ये मुझे बताने की जरूरत नहीं है, आप लोग खुद ही समझ सकते हैं.
जब पापा की कोई डील फाइनल नहीं हो रही होती थी, तब मम्मी अपनी जवानी का जादू बिखेर कर उस डील को पापा को दिलवा देती थीं.
मेरी बड़ी बहन जिज्ञासा एक एनजीओ में सामाजिक सेवा कर रही है.
उसकी शादी की बातें भी चल रही हैं.
मेरे माता पिता काफी उच्च शिक्षा प्राप्त हैं. फिर भी मेरी फैमिली काफ़ी चुदक्कड़ है और सभी लोग सेक्स का मज़ा भरपूर लेते हैं.
अभी मेरे पापा 43 साल के हैं जबकि मेरी मम्मी 42 साल की हैं लेकिन वो लगती 28 साल की हैं.
मेरी मॉम नियमित रूप से योग और एरोबिक्स करती हैं.
कभी कभी तो नए लोग मेरी मम्मी और मेरी बहन को छोटी और बड़ी बहन समझ कर ग़लती कर देते हैं.@antarvasnahindi_storiesदोस्तो, मेरी एक आदत है कि अगर मैं कुछ पाने की ठान लेता हूँ, तो मैं पागल कुत्ते की तरह उसके पीछे पड़ जाता हूँ.
इसी लिए मेरी लाइफ स्टाइल में बड़ा सुधार भी आया है.
ये बात पिछले साल की सर्दियों की है. उस समय क्रिसमस का मौका चल रहा था.
उन दिनों मैं कैम्पस इंटरव्यू की तैयारी कर रहा था.
मेरी सर्दियों की छुट्टियां हुई थीं.
उस साल मेरे पापा और मम्मी शिमला जाने की प्लानिंग कर रहे थे.
पापा और मम्मी ने मुझे और दीदी को ये बात बताई, पहले तो मैंने ये कह कर मना कर दिया कि मैं अभी इंटरव्यू के लिए काफ़ी मेहनत कर रहा हूँ, मैं नहीं जा सकता हूँ. आप लोग मेरे बिना ही चले जाओ.
पापा ने कहा- बेटा सन्नी, हम लोग तेरे बिना ये ट्रिप एंजाय नहीं कर पाएंगे.
मम्मी और दीदी ने भी मुझे काफ़ी मनाने की कोशिश की.
मैं और ज्यादा इमोशनल अत्याचार सह नहीं पाया और मैंने हां कह दिया.
दोस्तो, उन दिनों मेरी सेक्सुअल लाइफ एकदम बकवास हुई पड़ी थी.
मैंने मुठ मारना भी छोड़ दिया था क्योंकि मैं अपने करियर के बारे में काफ़ी गम्भीर था.
मैं सेक्स करना और मुठ मारने को एक गलत आदत समझता हूँ.
खैर इस बकचोदी को बाद में लिखूंगा.
हम लोग क्रिसमस के दो दिन पहले शिमला के लिए रवाना हुए.
मम्मी ने शॉर्ट कुर्ती और जींस पहनी हुई थी.
पापा ने अपने दोस्त मिस्टर इन्द्रेश को कॉल करके बता दिया था.
मिस्टर इन्द्रेश मेरे पापा के कॉलेज के टाइम के दोस्त थे.
उनकी पत्नी मिसेस रूचिका भी मेरे पापा और मम्मी को कॉलेज के टाइम से जानती थीं.
मिस्टर इन्द्रेश का शिमला में होटल बिजनेस था और वो काफ़ी धनाढ्य थे.
मेरे पापा ने उनकी फैमिली को कई बार मदद की थी.
एक बार इन्द्रेश अंकल का बिजनेस जब घाटे में चल रहा था तो पापा ने उनकी आर्थिक मदद की थी.
दूसरी बार मिस्टर इन्द्रेश का बेटा ईशान जब शराब के नशे में अपनी लाइफ बर्बाद कर रहा था, तब मेरे पापा ने ही उसे गाइड करके उसे अपनी तरह एक सफल बिजनेसमैन बना दिया था.
तीसरी बार मिस्टर इन्द्रेश की बेटी कशिश की शादी की समस्या चल रही थी, उसका एनआरआई पति उसे छोड़ देना चाहता था.
मेरे पापा ने उस समस्या को भी हल कर दिया था और कशिश की शादीशुदा जिंदगी को एक नया रास्ता दिखाया था.
इसलिए इन्द्रेश और उनका परिवार मेरे पापा और मम्मी को बहुत चाहते थे.
हम लोग शिमला स्टेशन से सीधा इन्द्रेश अंकल के घर की तरफ चले.
वहां पर उनकी फैमिली ने हम सभी का गर्मजोशी से स्वागत किया.
मिस्टर इन्द्रेश का घर किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं था.
उनके घर में इन्द्रेश अंकल, रूचिका आंटी के अलावा उनकी बहू रुखसार भी थी.
ईशान बिजनेस के सिलसिले में अमेरिका गया था.
उसी दिन शाम को कशिश अपनी ससुराल से आने वाली थी.
शाम को हम लोग बातें कर रहे थे, तभी कशिश भी घर पहुंच गई थी.
वो हम लोगों से मिल कर बहुत खुश हुई. उसने मुझे कसके अपने गले से लगाया.@antarvasnahindi_stories
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2022-12-28 18:30:01 भाभी मेरे लंड पर अपनी कमर पटकने लगीं और ‘अह आह आआह …’ करने लगीं.
अब तक मुझे कोई 20 मिनट उन्हें चोदते हुए हो गए थे और मेरा लंड अब कभी भी पानी फैंक सकता था.
मैं भाभी से बोला- पानी कहां निकालूँ?
भाभी बोलीं- मेरी चूत अपने रस से भर दो, मुझे तुमसे एक बेटा चाहिए.
मैं ये सुनकर भाभी को ताबड़तोड़ चोदने लगा.
इतने में ही उन्होंने अपने चूतड़ मेरे लंड पर पूरे कस दिए जिससे मेरे आंड भी भिंच गए और वो बहुत ही जोर से झड़ने लगीं.
झड़ने के बाद वो शिथिल स्वर में बोलीं- आह मेरा हो गया … तुम्हारा हुआ या नहीं?
मैं गाली देता हुआ बोला- बहन की लौड़ी तूने तो मेरे आंड ही भींच दिए.
भाभी हंसती हुई बोलीं- आह … आज लंड से पहली बार झड़ी हूं … जानू माफ कर दो प्लीज़.
मैंने भाभी के होंठों को अपने होंठों में दबाकर जोरदार कस कस कर 20-25 धक्के मारे और उसके बाद अपना सारा माल उनकी चूत में ही छोड़ दिया.
झड़ कर मैंने उन्हें देखा, तो वो तो आंखें बंद करके मजे में पड़ी थीं.
शायद इतनी जोरदार चुदाई से भाभी को सुकून मिल गया था.
सेक्सी भाभी हॉट चुदाई के बाद आंखें बंद किए हुई ही बोलीं- आआह … आज शादी के 6 साल बाद मेरी असली सुहागरात मनी है.
मैं बोला- सुहागरात या सुहागदिन?
वो हंस कर बोलीं- हां सुहागदिन … पर अब रात को तुम संभल कर सोना, कहीं आंटी तुम्हारे पास सुहागरात मनाने ना आ जाए.
मैं बोला- जो होगा देखा जाएगा.
फिर भाभी उठने लगीं लेकिन उनसे उठा नहीं जा रहा था.
मैंने उन्हें अपनी बांहों में उठाकर उनके कमरे में ले जाकर लिटाया और गर्म पानी से भाभी की चूत की सिकाई की.
थोड़ी सी सिकाई अपने लंड की भी की.
फिर उन्हें थोड़ा बहुत चलवाया.
भाभी की तो चाल ही बदल गई थी.
मैं उन्हें फिर से दुलारने लगा, तो बोलीं- अब बाजार जाकर कुछ काम देख आओ.
मैं बोला- मन नहीं कर रहा तुम्हें छोड़ने का!
तभी बाहर घर की घंटी बजी तो मैं अपने कमरे में आ गया.
मैं अपने कमरे में आकर बाहर का जायजा लेने लगा.
आंटी ही आई थीं, अन्दर आते ही बोलीं- आज तो घर बड़ा महक रहा है. बड़ी अच्छी खुशबू आ रही है.
दोस्तो, भाभी का नाम नीतू (बदला हुआ) था.
आंटी- अरी नीतू, आज क्या बना लिया, जो इतनी प्यारी महक आ रही है?
फिर फुसफुसाने की आवाज आने लगी. उन दोनों की हल्की हंसी की आवाज सुनाई देने लगी. जिसमें आंटी की सिसकारी भी शामिल थीं.
मैं समझ गया कि नीतू भाभी ने आंटी को बता दिया है कि आज क्या हुआ.
मैं भी रसोई में जाकर चाय बनाकर पी कर बाजार निकल गया.
फिर रात को 9 बजे वापिस आ गया.
इशारों में नीतू भाभी ने बताया कि खाना आंटी के पास रख दिया है.
आंटी भी मुझे घूर रही थीं और मंद मंद मुस्करा रही थीं.
मैं जब खाना लेने लगा, तो आंटी बोलीं- आज अपने कमरे की कुंडी मत लगाना.
मुझे आंटी से शर्म आ रही थी तो मैं बिना कुछ बोले अपने कमरे में आकर पर्दा गिराकर टीवी देखने लगा.
मुझे बार बार आंटी की शक्ल याद आ रही थी और मैं सोच रहा था कि सेक्स की खुमारी न जाने किस उम्र तक ज़िंदा रहती है. उस समय आंटी 60 साल की थीं.
खैर … अब जो भी होना होगा, सो देखा जाएगा.
आंटी की चुदास किस तरह से खत्म हुई, वो मैं आपको अगली सेक्स कहानी में लिखूंगा. @antarvasnahindi_stories
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2022-12-28 18:30:01 फिर मैंने धीरे से धक्का लगाया तो मुझे लगा मेरा लंड किसी गर्म और तंग गुफा में बहुत ही मुशिकल से कुछ ही अन्दर जा पाया.
इतने में ही वो चिल्लाने के लिए हुईं तो मैंने अपने होंठों से उनके होंठ जकड़ कर एक ही धक्के में अपना पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया.
वो मेरी पकड़ से निकलने के लिए तड़पने लगीं, उनकी आंखों से गंगा जमुना बहने लगी.
मुझे भी लगा कि मेरा लंड किसी शिकंजे में फंस गया है; मुझे भी बहुत जलन होने लगी.
कुछ द्रव्य भी मुझे अपने लंड पर महसूस होने लगा.
मैंने नीचे झांक कर देखा तो उनकी चूत से खून बहने लगा था.
वो रोती हुई बोलीं- अब निकाल लो, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
मैंने फिर से उनके होंठों को अपने होंठों के बीच दबाकर बहुत ही मुश्किल से धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू किया.
मेरे लंड पर भी ऐसा लग रहा था, जैसे कई जगह से कट फट गया हो लेकिन मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए.
फिर थोड़ी देर बाद वो भी अपने चूतड़ धीरे धीरे चलाने लगीं तो मैंने उनके होंठ छोड़ दिए.
वो आआ ऊऊई ई करने लगीं.
मैंने उनकी एक चूची मुँह में ले ली और दूसरी को धीरे धीरे दबाने लगा.
वो बोलीं- तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी, ऐसे भी कोई करता है क्या?
फिर मैं उन्हें धीरे धीरे चोदने लगा. वो उई उई आऊ ईई कर रही थीं.
मुझे भाभी की टाईट चूत चोदने में थोड़ी कठिनाई हो रही थी लेकिन आनन्द की भी कोई सीमा नहीं थी.
उनकी चूत भी चिकनाई छोड़ने लगी थी जिससे अब लंड को थोड़ी आसानी हो गई थी.
मैं अपनी रफ्तार थोड़ी बढ़ाकर एक्सप्रेस पर आ गया.
फिर मैं उन्हें घोड़ी बनाकर चोदने लगा, उनकी गांड के छेद में अपनी बीच वाली उंगली दे दी.
वो एकदम आगे को हो गईं और बोलीं- पहले मेरी चूत तो ठंडी करो, बहुत सुलग रही है.
मैंने कहा- जब चूत ठंडी हो जाएगी तो गांड भी मारूंगा.
वो बोलीं- तुमने तो चूत में डालने में ही जान निकाल दी … सुना है कि गांड में तो बहुत दर्द होता है, मैं तो मर ही जाऊंगी.
मैंने कहा- चूत गांड मरवाकर अगर कोई मरी हो, तो मुझे एकाध नाम बताओ. तुम्हें न जाने किसने बहका दिया है.
वो बोलीं- आंटी कह रही थीं.
भाभी हमारी मकान मालकिन को आंटी कहती थीं.
मैंने कहा- क्या अपने आदमी से बुढ़िया ने भी गांड मराई थी? वैसे तुम दोनों आपस में ऐसी बातें कर लेती हो?
वो बोलीं- हां, हम जब अकेली होती हैं तो ऐसी बातें कर लेती हैं.
मैं बोला- तो आंटी बिना अंकल के अब क्या करती हैं?
वो बोलीं- बुढ़िया खीरे से अपनी चूत की प्यास बुझाती है. मुझसे भी कह रही थी लेकिन मैंने कह दिया. मैं तो अपने सुनार से ही चुदाऊंगी.
मैं जरा हैरान हुआ.
“वो कह रही थीं कि वाकयी जब इसकी बीवी की पाजेबों की आवाज आती है तो मेरी चूत भी पनिया जाती है. पहले तू चुद ले सुनार से, फिर मुझे भी उसके लंड का स्वाद दिलवा देना. बुढ़िया की नजर भी है तुम पर!”
मैं बोला- क्या कह रही हो भाभी. ऐसा भी होता है कहीं … वो तो उम्र में मेरी मां से भी बड़ी ही होंगी. उनका लड़का बहू भी है. वैसे आजकल सुबह से ही आंटी कहां चली जाती हैं.
भाभी बोलीं- उनका दूसरा घर बन रहा है. सुबह से शाम तक वहीं रहती हैं.
फिर भाभी बोलीं- जो औरत प्यासी होती है, वो छोटा बड़ा नहीं देखती. हम दोनों में भी कितना ज्यादा फ़र्क है. मैं भी तो तुमसे चुदवा रही हूं. ऐसे ही आंटी को भी ठंडी कर देना.
मैं बोला- देखेंगे, पहले तुम्हें तो जी भर कर प्यार कर लूं. जब से यहां आया हूं तब से तुम पर नजर थी … आआह क्या मजा आ रहा है भाभी … जी करता है कि यूँ ही लंड तुम्हारी चूत या गांड में ही डाल कर बस चोदता ही रहूं … बड़ा मजा आ रहा है. तुम्हें आ रहा है या नहीं?
भाभी बोलीं- हां बहुत मजा आ रहा है … बस अब जल्दी जल्दी कर लो … कहीं बुढ़िया आ गई तो मुझे उतारकर खुद तुम्हारे लंड पर बैठ जाएगी.
मैं बोला- उसे बताओगी कि आज हमने चुदाई कर ली?
भाभी बोलीं- उसी ने तो मुझे तुमसे चुदवाने को कहा था. यदि उसे ना करती हूँ तो उसे शक होगा कि आज तुम कहीं गए भी नहीं … और मैं चुदी भी नहीं!
मैं बोला- तुम्हें मेरे साथ मजा आ रहा है या नहीं?
भाभी बोलीं- बहुत ही मजा आ रहा है … आह आअय मर गई रे … सुनार ने पण्डितानी चोद दी … आआई ऊऊऊ आआह … और जोर से चोदो राजा.
मैं भी पूरी ताकत से उन्हें चोदने लगा ‘आआह क्या नई चूत का मजा आ रहा था … आह आअय …’ @antarvasnahindi_stories
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2022-12-28 18:30:01 प्यासा है. जब रात को तुम्हारे कमरे से तुम्हारी बीवी की पाजेबों की और मस्त सिसकारियों की आवाज आती है … और मेरे ये मुझे ऐसे ही छोड़ देते हैं, तो तुम नहीं जानते कि मेरे दिल में कैसे बिजलियां गिरती थीं. प्लीज़ मुझे भी थोड़ा सा सुख दे दो.
मैं बोला- अगर किसी को पता चला तो?
वो बोलीं- किसी को पता नहीं चलेगा.
ये सुनकर मैंने उनके कमरे में जाकर उन्हें बहुत ही जोर से अपने सीने से लगा लिया और हम दोनों के होंठ ऐसे चिपक गए, जैसे अब छूटेंगे ही नहीं.
उसी बीच उन्होंने नीचे मेरा लंड पकड़ लिया.
मैंने उनकी चूची दबानी शुरू कर दी.
इतने में ही उसकी लड़की पीछे से बोली- मेली मम्मी है ये.
मैं बोला- नई मेली मम्मी है ये.
भाभी हंस कर बोलीं- मैं इसे सुलाकर अभी आई.
फिर उन्होंने उसे मेरे सामने ही अपनी चूचियों से दूध पिलाना शुरू कर दिया.
भाभी की चूचियां देख कर मुझ पर काबू ना रहा, मैं अपना लंड निकाल कर उनके सामने ही सहलाने लगा.
वो लंड देखकर और मस्त होने लगीं, अपने होंठों पर जीभ फिराने लगीं.
मैं धीरे से भाभी के पास पहुंच गया और लंड को उनके होंठों के पास ले गया.
उन्होंने मुँह दूसरी ओर कर लिया.
मैं बोला- एक चुस्सा तो लगा दो.
ये कह कर मैंने भाभी की दूसरी चूची अपने मुँह में ले ली.
वो आआऊऊईई करने लगीं.
मैं बोला- प्लीज़ मेरे लंड को एक चुस्सा तो दो.
भाभी बोलीं- मैंने आज तक मुँह में नहीं लिया.
मैं बोला- तो आज ले लो न … मजा आ जाएगा.
वो बोलीं- कोशिश करती हूँ.
उन्होंने पहले मेरे सुपारे पर एक चुम्बन किया, फिर सुपारे को होंठों के बीच दबाकर धीरे धीरे चुसकने लगीं.
मैं तो आनन्द के मारे आसमान में उड़ने लगा था.
फिर मैंने धीरे धीरे पूरा लंड उनके मुँह में डाल दिया.
वो उसे बाहर निकाल कर बोलीं- पहले इसे सुला दूं. तुम मेरा इन्तजार करो.
भाभी वो अपने कमरे में लड़की को सुला कर मेरे कमरे में आ गईं.
मैंने उनकी चूची पकड़ कर जोर से भींच दी.
वो बोलीं- धीरे … दर्द होता है.
मैं बोला- दर्द में ही तो मजा है.
मैंने अपना लंड उनके मुँह में दे दिया, जिसे वो चूसने लगीं.
मैं लेटे हुए ही उनके लोअर के पास जाकर उसे उतारने लगा.
भाभी शर्माकर अपने चूतड़ इधर उधर करने लगीं.
मैंने उनके चूतड़ पकड़कर उनका लोअर उतार दिया.
मेरे सामने एक मनमोहक चूत थी, जिस पर नाखून जितनी झांटें थीं.
मैंने प्यार से उसे सहलाया, फिर उस पर एक चुम्बन दिया. फिर उसे होंठों में भर लिया.
भाभी ‘आआ ऊऊईई मर गई मम्मी …’ करने लगीं.
मैं बोला- क्या हुआ … मेरा लंड क्यूं नहीं चूस रही हो?
भाभी बोलीं- आज मेरी चूत में किसी ने पहली बार मुँह लगाया है, बहुत मजा आ रहा है.
मैं बोला- जैसे तुम्हें मजा आ रहा है ऐसे ही मुझे भी आ रहा था. प्लीज़ मेरा लंड मुँह में ही रखो.
भाभी ने मेरा लंड मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं.
मैं अपनी जीभ से उसके दाने को चचोरने लगा.
भाभी की चूत पानी छोड़ रही थी.
मेरे लंड से भी प्रीकम निकल रहा था.
फिर वो बोलीं- अब मुझसे रहा नहीं जा रहा … एक बार अपने लंड से मेरी चूत की प्यास बुझा दो, फिर खूब चुसवा लेना और मेरी चूत भी खूब चाट लेना. प्लीज़ अभी रहा नहीं जा रहा.
मुझे उन पर बहुत प्यार आया, मैंने भाभी को सीधा लिटाया और अपने लंड से उनकी चूत के दाने को रगड़ने लगा.
वो आआ ऊऊईई करने लगीं.
फिर मैंने धीरे से एक धक्का मारा, जिससे मेरा सुपारा भाभी की चूत में घुस गया.
वो जोर से बिलखने लगीं और आह आऊ ऊईई करती हुई बोलीं- बाहर निकालो जानू … बहुत दर्द हो रहा है.
मैं बोला- तुम्हारी तो लड़की हो चुकी है फिर दर्द क्यूं?
वो बोलीं- इसके पापा तो दो तीन धक्के में ही खलास हो जाते हैं, फिर इनका तुम्हारे से आधा ही है. घर वालों ने इनकी नौकरी देखकर मेरी जिन्दगी खराब कर दी. लड़की भी ऑपरेशन से हुई है. आज इनके अलावा मैं तुम्हारा ही लंड ले रही हूं.
मैं बोला- अभी तो सुपारा ही घुसा है. अभी तो पूरा बाकी है. तुम कैसे सहन करोगी?
भाभी बोलीं- धीरे धीरे करो, कोशिश करती हूं.@antarvasnahindi_stories
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2022-12-28 18:30:00 पड़ोसन किरायेदार भाभी की मस्त चुदाई@antarvasnahindi_storiesदोस्तो, मैं एक मस्तमौला इंसान हूं. और अन्तर्वासना की कहानियां सन 2021 से पढ़ता आ रहा हूं.
अब तो हाल ये गया है कि मुझे इसकी कहानी पढ़े बगैर नींद ही नहीं आती है.
मैंने इसकी लगभग सभी कहानियां पढ़ी हैं, सच में मुझे इन सेक्स कहानियों को पढ़ कर बहुत मजा आता है.
मैं 5 फुट 8 इंच लंबा खूबसूरत और आकर्षक मर्द हूं. मेरे लंड की लम्बाई 6 इंच है.
अब इस सेक्सी भाभी हॉट चुदाई कहानी का मजा लीजिये.
मैं सोने के आभूषण बनाने का कार्य करता था.
पिछले साल लॉकडाउन खत्म होने के बाद कर्जा होने के कारण अब मैं एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहा हूं.
इसी कठिन समय में मुझे दूसरे शहर में जाकर अपना काम करना पड़ा था.
वहां हमारे कमरे के बिल्कुल सामने एक मदमस्त औरत रहती थी.
मेरी उम्र उस समय 24 साल की थी. उसकी 38 साल थी और उसके पति की 42 साल थी.
एक बार मेरी पत्नी हमारी बहन की शादी के कारण 15 दिन पहले ही चली गई.
पड़ोसन मुझे मस्त नजरों से देखती थी.
मैं भी उसे काफी पसंद करता था.
मेरी बीवी के जाने के बाद रात को मैं पेशाब करने के लिए जा रहा था, तो मैंने देखा कि उसके कूलर का पिछला ढक्कन खुला हुआ था और अन्दर कमरे में उसका पति उसे चोदने की तैयारी कर रहा था.
मेरे लिए ये एक अचानक से घटी घटना थी.
मैं आंखें फाड़े उन्हें देखने लगा.
मगर ये क्या … भाईसाब ने 2-3 धक्के लगाए और धड़ाम से गिर गए.
मैं चकित था कि भाईसाब चोदने के नाम पर भाभी के साथ मजाक करते हैं.
मैं यही सोचता हुआ पेशाब करके भाभी के नाम की मुठ मारकर अपने कमरे में आकर सो गया.
सारी रात मैं पड़ोसन भाभी के ख्वाबों में ही सोता रहा और देर तक सोता रहा.
जब मैं उठा तब भाईसाब अपनी ड्यूटी पर चले गए थे.
नौ बजे के करीब भाभी की लड़की ने मेरा दरवाजा खटखटाया, जिससे मेरी अचानक नींद खुली.
मैंने हड़बड़ाहट में अपने किबाड़ खोले और देखा तो सामने भाभी खड़ी हुई मुस्करा रही थीं.
वो मेरे निक्कर में बने हुए तम्बू को बड़ी गौर से देख रही थीं.
मैं शर्माकर पीछे हो गया और लोअर पहन कर नित्यक्रिया करने चला गया.
वापस कमरे में आने के बाद मैं रसोई में चाय बनाने जाने लगा तो भाभी एक प्याला चाय और सिकी हुई ब्रेड लिए हुए सामने आ गईं.
भाभी बोलीं- कभी हमारी भी चाय पी लिया करो.
मैंने उनसे चाय ब्रेड लेकर नाश्ता किया.
फिर वो बोलीं- आज इतनी देर तक क्यों सोते रहे, क्या काम नहीं है?
मैं बोला- आज कुछ काम भी नहीं है और रात कुछ ऐसा देखा कि मैं उसी बारे में सोचते विचारते कुछ कर बैठा. फिर नींद इतनी गहरी आई कि अभी आंख खुली है.
वो बोलीं- ऐसा क्या देख लिया रात में?
उसी वक्त मेरी नजर इत्तफ़ाक़ से उनके कूलर की तरफ चली गयी, जिसे देख कर वो एकदम से मायूस हो गईं और रोने लगीं.
फिर मेरी तरफ आशा भरी नजरों से देखने लगीं और नजरें चुराकर बोलीं- आज काम पर नहीं जाओगे क्या?
मैं बोला- रात मेरा दिल बहुत दुखा है, इसलिए आज तबियत खराब लग रही है. आज काम की छुट्टी कर लेता हूँ.
ये सुनकर भाभी के चेहरे पर एक मुस्कान दौड़ गई.
मैं समझ गया कि भाभी को मुझसे क्या चाहिए.
फिर वो खाना बनाने लगीं.
मैं अपने कमरे में टीवी देखने लगा.
थोड़ी देर बाद उनकी लड़की आई और तोतली आवाज में कहने लगी- अंतल त्या छ्बजी थाओदे? (अंकल क्या सब्जी खाओगे)
मैंने बाहर देखा तो भाभी मेरे दरवाजे के बाहर खड़ी हुई मुस्करा रही थीं और बहुत ही मस्त नजरों से मुझे देखे जा रही थीं.
मैं उनसे बोला- मैं तो होटल में खा आऊंगा.
इस पर भाभी बोलीं- आप तो हमें अपना समझते ही नहीं, लेकिन हम तो आपको अपना समझते हैं. जब तक आपकी बीवी नहीं आती हैं, तब तक मैं आपको कुछ नहीं बनाने दूंगी.
मैं बोला- उसे या आपके आदमी को पता चलेगा तो हमारे बारे में गलत बात ना सोचने लगें.
वो बोलीं- ना मैं इन्हें कुछ बताऊंगी और ना तुम अपनी बीवी को बताना.
मैं बोला- इतनी मेहरबानी की वजह?
उस पर वो बोलीं- तुम देखने में तो बुद्धू तो नहीं लगते, फिर क्यूं इतने बुद्धू बन रहे हो?
मैं बोला- मतलब?
भाभी बोलीं- रात कूलर का ढक्कन मैंने जानबूझकर खुला छोड़ा था, जिससे तुम्हें पता लगे कि कोई कितना प्यासा है. जब रात को तुम्हारे कमरे से तुम्हारी बीवी की पाजेबों की और मस्त सिसकारियों की आवाज आती है @antarvasnahindi_stories
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