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‘भाई हरमन!! इसे कमरे में ले जा और इसको चूत में गुलाल भरके होली | Antarvasna Hindi Stories

‘भाई हरमन!! इसे कमरे में ले जा और इसको चूत में गुलाल भरके होली खेल!! तब ही तुझे होली का असली मजा मिलेगा’ एक दूसरा लड़का बोला. मैंने उसको ये बोलते साफ साफ सुना. मेरे नकुल भैया शराब के नशे में टल्ली होकर फर्श पर लुढ़क गए थे. इधर मैंने भांग का लड्डू खा लिया था. हरमन मुझे अंदर कमरे में ले गया. उनके मुझे अपनी गोद में उठा लिया था. भांग के नशे से मेरा सर लगातार घूम रहा था. मुझे हर चीज २ २ ४ ४ दिख रही थी. मैं लगातार हसे जा रही थी. मेरे गोरे गाल और पुरे मुँह पर भाई के सबसे ख़ास दोस्त हरमन ने ढेर सारा गीला वाला पक्का रंग डाल लगा दिया था. मैं बिलकुल कोई भूतनी लग रही थी. उधर हरमन को भी मैंने पुरे मुँह में ढेर सारा पक्का रंग लगा दिया था. वो भी किसी भुत से कम नही लग रहा था. उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया. मैं नशे में थी और हसे जा रही थी.
हरमन ने मेरा दुपट्टा खींच कर किनारे फेक दिया. मेरा सूट निकाल दिया. मैंने समीज पहन रखी थी. हरमन मेरी जवानी देख के ललचा गया. फिर उसने मेरी समीज निकाल दी. उसको मेरे २ उज्जवल बेहद ठोस मम्मे मिल गये. मेरे सिर्फ चेहरे पर ही रंग लगा था. बाकी का मेरा बहन गोरा और साफ था. मेरी मदमस्त जवानी देख के हरमन की नियत खराब हो गयी. तब तक एक दूसरा दोस्त उस कमरे में आ गया जहाँ हरमन मुझे ले आया था.
‘ऐ हरमन तू गांडू है क्या?? अरे बहनचोद!! नकुल की मस्त मस्त बहनिया को चोदने का तुझे अच्छा मौका मिला है. अबे बहनचोद!! इसकी चूत में गुलाल भर ना’ वो लड़का बोला. ये सुनते ही हरमन का लौड़ा उफान मारने लगा. उसने अपनी रंग से सनी पैंट निकाल दी. फिर चड्ढी निकाल दी. मैं तो भांग के नशे में थी. लगातार हंस रही थी. मैं नही जानती थी की आज पहली बार मेरी चूत में गुलाल भरा जाएगा. फिर मुझे किसी कुतिया की तरह चोदा जाएगा.
‘ऐ नीरज!! आज साथ में अर्पिता की चूत में गुलाल भरते है. फिर साथ में इस कुतिया को पेलते खाते है’ हरमन बोला. उसके कहने पर उस दुसरे लडके ने अपनी रंग से भरी पैंट निकाल दी. कच्छा निकालते ही उसका लौड़ा फनफना गया. मैं हंसती ही रही. हरमन ने मेरी सलवार का नारा सररर की आवाज करते खोल दिया. मेरी सलवार निकाल दी, फिर मेरी पैंटी निकाल दी. कल ही मैंने अपनी चूत की झांटे साफ़ की थी. मस्त मस्त भरी भरी सफ़ेद लाल लाल चूत के दर्शन हरमन और नीरज को हो गये.
‘ले!! अर्पिता! आज तेरी चूत में गुलाल भर दिया मैंने!’ हरमन बोला. उसने अपनी शर्ट की पॉकेट से गुलाल वाली पन्नी खोली. २ बड़ी चुटकी गुलाल लिया और मेरी चूत में नीचे से उपर तक भर दिया. लगा जैसे किसी लड़के ने किसी लडकी की मांग में सिंदूर भर दिया. ‘ये हुई ना बात!!’ नीरज बोला. वो भी अपने मुँह में बिलकुल भालू लग रहा था.
‘ले नीरज!! तू भी नकुल की बहनिया के भोसड़े में गुलाल भर दे’ हरमन ने कहा. नीरज ने पिन्नी से २ बड़ी चुटकी गुलाल लिया और एक बार फिरसे मेरे चूत की फाक में नीचे से उपर अच्छे से भर लिया. मैं बांवरी नासमझ थी. भांग वाले लड्डू के नशे में हसे जा रही थी. मैं नही जान पायी की की मेरी कोमल नादान चूत में २ २ बार गुलाल भरा जा चुका है. और मेरी चूत आज होली के दिन २ २ बड़े बड़े खीरे [लौड़े] के साथ होली खेलने वाली है. ‘भाई बड़ी ही तीखी मिर्ची है. जरा कायदे से पेलना इसको!!’ नीरज बोला.@antarvasnahindi_stories