अपने दिल की ख्वाहिश को काग़ज़ पर उतार दिया कल रात तेरी याद को मैंनें हंसकर मार दिया तेरा शुक्रिया अदा करते हैं ऐ दोस्त इसलिए तूने मेरी ग़ज़ल को एक काबिल किरदार दिया हकीकत में तो तेरे हाथ छूने भी नसीब न हुए ग़ज़ल में मैंनें तेरी जुल्फ तक को संवार दिया... 𝗕𝘆 ➪ @Be_khyali MUST SHARE & SUPPORT 595 viewsR@jan Gupt@ツ, 20:15