मै दिसंबर की सर्दी तुम कंबल सी गर्माहट हो, मै काली रात का सन्न | Hindi•Urdu•Shayari.. 💛❣
मै दिसंबर की सर्दी
तुम कंबल सी गर्माहट हो,
मै काली रात का सन्नाटा
तुम कदमो की आहट हो,
मै खंजर सा घायल
तुम मलहम सी राहत हो,
मै टूटा गिरा पुराना खंडहर
तुम ताजमहल सी सबकी चाहत हो..!!
Jᴏɪɴ @Hindi_Urdu_Kavita