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क धक्के के साथ उसकी चूत में लंड घुसा दिया. दीदी की हल्की आह्ह | ℍ𝕚𝕟𝕕𝕚 & 𝔼𝕟𝕘𝕝𝕚𝕤𝕙 𝕊𝕖𝕩 𝕊𝕥𝕠𝕣𝕪

क धक्के के साथ उसकी चूत में लंड घुसा दिया.

दीदी की हल्की आह्ह निकली और उसने मुझे अपने ऊपर लिटा लिया.
मैं लेटते ही दीदी की चूत में लंड के धक्के मारने लगा.
दीदी की चुदाई का पहला मजा मिल रहा था मुझे।

मुझे मजा आने ही लगा था कि दीदी ने मुझे रोक दिया।
वो बोली- अलमारी से कंडोम निकालकर पहन लो!

मैं गया और जल्दी से कंडोम निकालकर अपने लंड पर पहन लिया.

मेरे लंड में इससे पहले मैंने इतना तनाव महसूस नहीं किया था। कंडोम पहनने के बाद फिर मैंने चोदना शुरू किया।
दीदी भी मस्त होकर चुदने लगी।
मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.

दीदी की चूत में लंड को पेलते हुए अब मैं दीदी की चूचियों पर मुंह लगाकर धक्के लगा रहा था.
कसम से दोस्तो, ममेरी बहन की चुदाई में इतना मजा मिलेगा मैंने सोचा नहीं था।

मैंने पांच सात मिनट तक दीदी की चुदाई की और फिर मेरा माल निकल गया और मैं दीदी के ऊपर लेटकर हांफने लगा.
उसने मुझे प्यार से सहलाया और फिर अपने ऊपर से उठा दिया.

कुछ देर तक मैं लेटा रहा और फिर वो उठकर अपने कपड़े पहनने लगी।
मैंने भी कॉन्डम उताकर फेंका और फिर खुद को साफ करके अपने कपड़े पहन लिये।

उस दिन मैंने दीदी को चार बार चोदा।
जीजा जी सुबह ऑफिस चले जाते थे और फिर मैं रोज़ नेहा दीदी को चोदता था।
दीदी अब नहाने के बाद बिना कपड़ों के ही मेरे सामने घूमती रहती थी।

मुझे अब वहां बहुत मजा आ रहा था. नेहा दीदी की बहुत सी नंगी फोटो और वीडियो मेरे मोबाइल में थीं।
मुझे अब दिल्ली में बहुत अच्छा लगता था।

दीदी की चुदाई रात को जीजा जी करते थे और सुबह मैं चोदता था। करीब 7 महीने बाद जीजा ने मेरे फोन से हम दोनों के फोटो देख लिए।

फिर उन्होंने नेहा दीदी को खूब मारा और मेरी भी खूब पिटाई हुई।
उनको बदनामी का डर लग रहा था; उन्होंने कहा कि ये बात कहीं और नहीं फैलनी चाहिए।

जीजा जी मेरे लिए फिर अलग कमरे का इंतजाम करने लगे। अब वो मुझसे नाराज भी रहने लगे।

उनके ऑफिस जाने के बाद मैं और नेहा अलग अलग कमरे में रहते थे. आपस में कुछ बात भी नहीं करते थे।

रात को जीजा जी अपना कमरा खुला रखकर दीदी को चोदते थे।

एक बार रात को जीजा जी ने मुझे कमरे में बुलाया। उस समय वे दोनों नंगे थे।
जीजा जी ने अंडे उबालकर लाने को कहा।
मैं अंडे उबाल कर ले आया।

जीजा जी ने उसे टेबल पर रखने को बोला और नेहा दीदी को चोदना शुरू कर दिया।
वो पूरी ताकत से दीदी के दूध दबाने लगे जिससे उनकी चीख निकाल रही थी।

चोदने के बाद मुझसे जीजा जी ने दारू के पैग बनाने को कहा.
फिर उन्होंने दारू पी और मुझे भी पिलाई.
अब उन्होंने अपने सामने ही मुझसे दीदी को चोदने के लिए कहा।

मैंने कपड़े उतार दिए और मैं नेहा दीदी के पास गया. उनके दोनों दूध मैं मुंह में लेकर चूसने लगा.
फिर मैंने उनको मज़े से चोदा।

जीजा जी नेहा दीदी को रण्डी बोल बोलकर गाली दे रहे थे।

सुबह तक फिर हम तीनों नंगे लेटे थे.
और वो फिर हम दोनों को बिना बोले ऑफिस चले गए।

मैं और नेहा दीदी बेड पर नंगे ही लेटे थे। अब अधिकतर रात को जीजा जी पीने के बाद मेरे साथ में नेहा की ठुकाई देखकर मज़े करते थे।

नेहा दीदी अब हर जगह नंगी घूमा करती थी। जीजा जी और मैं टीवी देख रहे होते थे तो भी नेहा दीदी नंगी आकर सोफे पर बैठ जाती थी.
उसको ऐसे देखना अब आम बात हो गई थी।

जीजा जी मुझसे कहते कि जिस दिन तुम शादी करोगे उस दिन तुम्हारी बीवी को खूब चोदूंगा।
नेहा भी ये सुनकर खूब हंसती थी।

इस तरह से हम तीनों की दोस्ती हो गयी और अब दीदी हम दोनों से चुदने लगी।